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बेहद सस्ता आटा बेच रही मोदी सरकार, कितनी कीमत, कैसे मिलेगा, जानें हर सवाल का जवाब



Bharat Atta: बीते कुछ महीनों में महंगाई से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। इसी कड़ी में सरकार ने सस्ती कीमत पर आटे की बिक्री शुरू की है।

Bharat Atta: बीते कुछ महीनों में महंगाई से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। इसी कड़ी में सरकार ने सस्ती कीमत पर आटे की बिक्री शुरू की है। सरकार भारत ब्रांड के तहत आटे की बिक्री करेगी। आइए जान लेते हैं कि आटे की कीमत क्या होगी और आप इसे कहां से खरीद सकेंगे।

क्या है कीमत
‘भारत’ ब्रांड के तहत आटा 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम की एमआरपी पर उपलब्ध होगा। अभी ज्यादातर ब्रांडेड आटे की कीमत 40 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्यादा है। इसमें भी अन्नपूर्णा ब्रांड के आटे की कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। इस लिहाज से देखें तो ग्राहकों को प्रति किलो आटे में 13 से 33 रुपये तक की बचत होगी।

कहां से खरीद सकेंगे
आप ‘भारत’ ब्रांड के आटे को केंद्रीय भंडार, नेफेड और एनसीसीएफ के सभी फिजिकल और मोबाइल आउटलेट से खरीद सकते हैं। इसके लिए सरकार देशभर में 800 मोबाइल वैन और 2,000 से अधिक दुकानों का इस्तेमाल करेगी। सरकार इसका विस्तार अन्य सहकारी/खुदरा दुकानों तक करेगी। मतलब ये हुआ कि आने वाले दिनों में यह आटा आपको आसानी से मिल सकेगा। आपको बता दें कि फरवरी महीने में सरकार ने मूल्य स्थिरीकरण कोष योजना के तहत कुछ दुकानों में सहकारी समितियों के माध्यम से 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम पर 18,000 टन ‘भारत आटा’ की प्रायोगिक बिक्री की थी। अब इसे औपचारिक तौर पर शुरू कर दिया गया है।

पहले से हो रही दाल की बिक्री
भारत दाल (चना दाल) पहले से ही इन 3 एजेंसियों द्वारा अपने फिजीकल और/या खुदरा दुकानों से एक किलो पैक के लिए 60 रुपये प्रति किलो और 30 किलो पैक के लिए 55 रुपये प्रति किलो की दर से बेची जा रही है। प्याज भी 25 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर बेचा जा रहा है। अब, ‘भारत’ आटे की बिक्री शुरू होने से उपभोक्ता इन दुकानों से आटा, दाल के साथ-साथ प्याज भी उचित और किफायती मूल्यों पर प्राप्त कर सकते हैं।

खाद्य तेलों की कीमतें भी कम
बीते कुछ महीने में सरकार ने घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों को नियंत्रित और कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर बेसिक शुल्क 2.5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया। इसके अलावा, इन तेलों पर कृषि-उपकर 20 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया। यह शुल्क संरचना 31 मार्च, 2024 तक बढ़ा दी गयी है। इसी तरह, रिफाइंड सोयाबीन तेल और रिफाइंड सूरजमुखी तेल पर बेसिक शुल्क 32.5 प्रतिशत से घटाकर 17.5 प्रतिशत कर दिया गया और रिफाइंड पाम तेल पर बेसिक शुल्क 17.5 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया। इस शुल्क संरचना को 31 मार्च 2024 तक बढ़ा दिया गया है।

इसके अलावा सरकार ने उपलब्धता बनाए रखने के लिए रिफाइंड पाम तेल के खुले आयात को अगले आदेश तक बढ़ा दिया है। वहीं, रिफाइंड सूरजमुखी तेल और रिफाइंड सोयाबीन तेल पर आयात शुल्क 17.5 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है।

मुफ्त अनाज देने का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले सप्ताह दुर्ग (छत्तीसगढ़) में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि उनकी सरकार की मुफ्त राशन योजना- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया है। इस घोषणा से लगभग 80 करोड़ लोगों को लाभ होगा। मुफ्त अनाज योजना की शुरुआत कोविड महामारी के दौरान लगभग 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के लिए की गई थी। तब से यह योजना जारी है।

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल लाइव हिंदुस्तान न्यूज सर्विस से लिया गया है।